26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया और एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। यह लेख भारत के गणतंत्र दिवस के महत्व, इसके इतिहास और वर्तमान समय में इसके उत्सव के बारे में बताता है।
भारत 26 जनवरी, 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, जिसमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे। इस वर्ष की थीम 'स्वर्णिम भारत - विरासत और विकास' है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और प्रगति को दर्शाती है।
पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई। इस वर्ष कुल 139 पद्म पुरस्कार दिए गए हैं, जिनमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री शामिल हैं। ये पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिए जाते हैं।
26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने और देश की एकता, अखंडता और प्रगति को दर्शाता है। दिल्ली में आयोजित परेड और स्कूलों में होने वाले कार्यक्रम इस दिन की महत्ता को और बढ़ाते हैं।
26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने की याद दिलाता है और पूरे देश में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस दिन की मुख्य आकर्षण होते हैं।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। यह लेख गणतंत्र दिवस के महत्व, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान, और इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताता है।
26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह लेख इस महत्वपूर्ण दिन के इतिहास, महत्व और समारोहों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
26 जनवरी, 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह लेख इस ऐतिहासिक दिन के महत्व, संविधान के मूल्यों, और देशभर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डालता है।