हिसाब बराबर; आर माधवन की फिल्म में आम आदमी की लड़ाई
आर माधवन की नई फिल्म 'हिसाब बराबर' एक सामान्य व्यक्ति की लड़ाई को दर्शाती है, जो एक बड़े बैंक घोटाले का पर्दाफाश करने की कोशिश करता है। फिल्म में माधवन ने राधे मोहन शर्मा की भूमिका निभाई है, जो एक ईमानदार रेलवे टिकट चेकर है और गणित का विशेषज्ञ है। उसकी जिंदगी तब बदल जाती है जब उसे अपने बैंक खाते में 27 रुपये 50 पैसे की कमी का पता चलता है। यह छोटी सी गड़बड़ी एक बड़े घोटाले का संकेत बन जाती है, जिसमें बैंक के मालिक मिकी मेहता (नील नितिन मुकेश) शामिल हैं। फिल्म की कहानी राधे मोहन के संघर्ष को दिखाती है, जो सिस्टम के खिलाफ लड़ता है और न्याय की मांग करता है। कीर्ति कुल्हारी एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में हैं, जो राधे की मदद करती है, लेकिन उनके बीच का रिश्ता जटिल है। नील नितिन मुकेश ने एक भ्रष्ट बैंकर का किरदार निभाया है, जो फिल्म में नकारात्मक भूमिका में है। फिल्म का निर्देशन अश्विनी धीर ने किया है, जिन्होंने एक आम आदमी की लड़ाई को दर्शाने की कोशिश की है। हालांकि, फिल्म की पटकथा और कहानी का निष्पादन कुछ हद तक पूर्वानुमानित और सतही लगता है। फिल्म में 'हिसाब बराबर' का संदेश बार-बार दोहराया गया है, जो कभी-कभी थकाऊ लग सकता है। आर माधवन ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है, लेकिन फिल्म की कमजोर पटकथा और धीमी गति ने उनके प्रदर्शन को पूरी तरह से निखरने नहीं दिया। नील नितिन मुकेश का अभिनय भी प्रशंसनीय है, लेकिन उनका किरदार कुछ हद तक कार्टूनिश लगता है। कुल मिलाकर, 'हिसाब बराबर' एक सामाजिक संदेश देने की कोशिश करती है, लेकिन इसकी कहानी और निर्देशन में कुछ कमियां हैं। यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है, जो एक आम आदमी की लड़ाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष की कहानी देखना चाहते हैं। फिल्म अब ZEE5 पर स्ट्रीम की जा रही है।