विधानसभा चुनाव

अतिशी मार्लेना ने कालकाजी में भाजपा को हराकर जीत हासिल की

आम आदमी पार्टी की अतिशी मार्लेना ने कालकाजी विधानसभा सीट पर भाजपा के रमेश बिदूरी को कड़े मुकाबले में हराकर जीत हासिल की। यह जीत आप के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हुई।

महाराष्ट्र चुनावों में MNS का निराशाजनक प्रदर्शन; राज ठाकरे की चुनौतियाँ

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने निराशाजनक प्रदर्शन किया, जहां पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी। इस चुनाव में अमित ठाकरे ने महिम सीट से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, लेकिन हार गए। MNS ने 125 उम्मीदवार उतारे, केवल 1.5% वोट शेयर प्राप्त किया। 2009 में 13 सीटें जीतने के बाद पार्टी का प्रदर्शन लगातार गिरता गया है। इस बार के खराब प्रदर्शन ने राज ठाकरे के राजनीतिक भविष्य को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024; ऐतिहासिक मतदान प्रतिशत

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में रिकॉर्ड तोड़ मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, जिसमें 65.02% मतदाता भागीदारी हुई। महानगर मुंबई में भी मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखने को मिली। राज्य में कुल 4,136 उम्मीदवारों ने 288 सीटों के लिए चुनाव में हिस्सा लिया। चुनाव आयोग ने मतदान जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में हिंसा की घटनाएं भी हुईं।

महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के एग्जिट पोल परिणाम; भाजपा की महायुति की संभावित जीत

महाराष्ट्र और झारखंड के 2024 विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल में भाजपा-नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत की संभावना जताई गई है। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को 137-157 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि झारखंड में भाजपा को 42-53 सीटें मिलने का अनुमान है। कुछ पोल्स ने महा विकास आघाड़ी के बेहतर प्रदर्शन की संभावना को भी नहीं नकारा है। दोनों राज्यों में मतदान के आंकड़े 58.43% और 67.59% रहे, और राजनीतिक विशेषज्ञ वास्तविक परिणामों को लेकर सतर्क हैं क्योंकि अतीत में एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं।

दिल्ली के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा - राजनीतिक परिदृश्य में गरमा-गरमी

दिल्ली के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया है, जो आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन गया है। गहलोत ने पार्टी के भीतर गंभीर मतभेदों और वादों के अधूरे रहने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया। उनके इस्तीफे से पार्टी में आंतरिक कलह और बढ़ गए हैं। भाजपा इसे AAP के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के पुनः उजागर होने के रूप में देख रही है, जबकि AAP कह रही है कि गहलोत को दबाव के कारण मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ा।